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रहस्यमाई चश्मा भाग - 40

गांव में शुभा बालिका माध्यमिक विद्यालय का भूमिपूजन श्यामाचरण झा ने स्वंय किया गांव ही नही बल्कि जवार के दस बीस गांव की जनता की उपस्थिति में मंगलम चौधरी ने विद्यालय का नक्सा बहुत ख़ूबसुरत बनवा कर भेजा था विदयालय निर्माण का कार्य बहुत तेजी से शुरू हुआ!

गांव वाले समूह बनाकर निर्माण कार्य मे श्रमदान करते हाथ बटाते कॉलेज का निर्माण कार्य प्रगति पर था औऱ डेढ़ वर्ष के निर्धारित समय तीन चार माह बीत चुके तब मंगलम चौधरी ने श्यामाचरण झा एव गांव मंदिर के पुजारी तीरथ राज जी को बुलाने के लिए अपनी कार मेहुल कुमार को लाने हेतु भेजी मेहुल कुमार गांव पहुंचते ही श्याचरणम झा जी एव पुजारी तीरथ राज जी को चौधरी साहब का विनम्र निवेदन पहुंचाया!

मंगलम चौधरी का निवेदन सुनते ही श्यामचरण झा जी एव पुजारी तीरथ राज जी मेहुल कुमार के साथ चल पड़े मेहुल कुमार जब श्यामाचरण झा जी एव पुजारी तीरथ राज को देखते ही जोरदार स्वागत करने के बाद मंदिर पुनर्निर्माण की ड्राइंग दोनों के सामने रख दिया और बोले झा साहब अब मंदिर के पुननिर्माण में भी विलम्ब नही होना चाहिये मेरा मानना है कि आप और पुजारी जी मंदिर में नई मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा करे एव उसी दिन विद्यालय के निर्माण की पूर्णता एव विद्यालय में विद्यार्थियों का प्रवेश शुरू हो लेकिन एक बात बहुत आड़े आएगी जो आप लोंगो को लोग लड़कियों को पढ़ाने के लिए बहुत उत्सुक नही रहते अतः लड़कियों को जवार के लोग विद्यालय भेजे इसके लिए कोई प्रभावी जागरूकता अभियान चलना पड़ेगा जिससे कि लोंगो में लड़कों की तरह लड़कियों की भी शिक्षा के प्रति संवेदना जागे!

जागृति बढ़े श्यामाचरण जी बोले चौधरी साहब आप बिल्कुल निश्चित रहे ऐसा ही होगा आपके संकल्पों को सिद्धि तक पहुँचाना हम सबका उत्तरदायित्व एव नैतिक कर्तव्य है। और पुजारी तीरथ राज एव श्यामाचरण झा जी मंगलम चौधरी से विधा लेकर गांव के लिए चलने को तैयार हुए चौधरी साहब ने मेहुल कुमार को आदेश दिया कि पुनः पुजारी जी एव श्यामाचरण जी को गांव तक छोड़कर लौट आए,,,,,

मेहुल कुमार ने तुरंत कार स्टार्ट कर चल दिया पुजारी तीरथ राज ने श्यामाचरण जी से प्रश्न किया श्यामाचरण जी आखिर मंगलम चौधरी साहब को दरभंगा से इतनी दूर हम लोंगो के गांव में क्या दिखा या एक दिन के प्रवास में मंगलम चौधरी जी को ऐसा क्या मिल गया कि वह हमारे गांव पर इतना मेहरबान है और बिना किसी स्वार्थ के अपने खजाने को गांव के लिए खोल दिया है श्यामाचरण झा जी पुजारी तीरथ राज जी से बोले सम्भवत हमारे गांव का आतिथ्य चौधरी साहब को भा गया हो या हो सकता है कि चौधरी साहब का कोई भावनात्मक लगाव हो हमारे गांव से क्योकि हमे भी इस बात की सत्यता पता नही हम तो सिर्फ चौधरी साहब कि कृपा से गांव के उन्नति में ही गांव का भविष्य देख रहा हूँ,,,,

मेरा मानना है कि चौधरी साहब दरभंगा से इतनी दूर एक गांव के विकास में रुचि रखते है तो उसमें बहुत नुख्ता चीनी करने की आवश्यकता नही है सिर्फ आवश्यकता है तो चौधरी साहब कि गांव पर बरसाती कृपा को मूर्त रूप प्रदान करना मेहुल कुमार पुजारी तीरथ राज एव श्यामाचरण झा जी कि बातों को बड़ी गम्भीरता एव ध्यान लगाकर सुन रहा था बीच बीच मे श्यामाचरण जी एव पुजारी तीरथ राज जी उससे प्रश्न करते मेहुल जी मंगलम चौधरी साहब वास्तव में मिथिलांचल के अभिमान है!

मेहुल ने बताया कि हमारे मॉलिक आज के जमाने मे देवता समान है हम लोंगो ने बचपन मे पढा था ईश्वर इंसान में बसता है जो मंगलम चौधरी साहब ने अपने व्यवहार उदारता से उंसे सत्य प्रमाणित किया है मेहुल ने कहा हमे नही लगता कि चौधरी साहब का आप लोंगो के गांव में कन्या माध्यमिक विद्यालय खोलने एव गांव के मंदिर के पुनर्निर्माण में कोई उनका निजी स्वार्थ है!

जारी है

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2 Comments

kashish

09-Sep-2023 08:12 AM

Fantastic part

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Gunjan Kamal

16-Aug-2023 01:04 PM

शानदार भाग

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